Shiv chaisa Secrets
Shiv chaisa Secrets
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
बृहस्पतिदेव की कथा
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सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
Whosoever features incense, Prasad and performs arati to Lord Shiva, with really like and devotion, enjoys product pleasure and spiritual bliss With this world and hereafter ascends to the abode of shiv chalisa in hindi Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva taken out the suffering of all and grants them Everlasting bliss.
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥